बिहार में 15 साल पुरानी गाड़ियाँ फिर से सड़कों पर दौड़ेंगी: री-रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया

बिहार में वायु प्रदूषण और सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर सख्ती की गई थी, लेकिन अब एक नई नीति के तहत इन गाड़ियों को फिर से सड़कों पर चलाने की अनुमति दी जा रही है। प्रभात खबर के अनुसार, बिहार सरकार ने 15 साल से पुराने वाहनों के लिए री-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य किया है। यह कदम प्रदूषण नियंत्रण, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, और पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इस लेख में हम री-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, समयसीमा, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से साझा करेंगे।

री-रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य

बिहार में 15 साल से पुराने वाहनों को पहले प्रतिबंधित करने की योजना थी, क्योंकि ये वाहन प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण माने जाते हैं। प्रभात खबर की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, वाहनों से होने वाला प्रदूषण बिहार में कुल वायु प्रदूषण का लगभग 30% है। हालांकि, अब सरकार ने इन वाहनों को री-रजिस्ट्रेशन और प्रदूषण जाँच के बाद चलाने की अनुमति दी है, ताकि वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान न हो और पर्यावरणीय मानकों का भी पालन हो।

री-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

15 साल से पुराने वाहनों को बिहार में चलाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:

  1. वाहन की प्रदूषण जाँच (PUC):
    • वाहन को किसी अधिकृत प्रदूषण जाँच केंद्र पर ले जाएँ और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) प्राप्त करें।
    • यह सुनिश्चित करें कि वाहन के उत्सर्जन स्तर भारत स्टेज (BS) मानकों के अनुरूप हैं।
  2. फिटनेस टेस्ट:
    • क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) या अधिकृत केंद्र पर वाहन का फिटनेस टेस्ट करवाएँ।
    • इस टेस्ट में वाहन की यांत्रिक स्थिति, ब्रेक, टायर, लाइट्स, और अन्य सुरक्षा मानकों की जाँच की जाएगी।
  3. री-रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन:
    • अपने नजदीकी RTO में री-रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करें।
    • ऑनलाइन आवेदन के लिए parivahan.gov.in पर जाएँ और “Vehicle Related Services” सेक्शन में री-रजिस्ट्रेशन विकल्प चुनें।
    • आवेदन फॉर्म में वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर, और अन्य विवरण दर्ज करें।
  4. दस्तावेज जमा करें:
    • आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करें और मूल दस्तावेज RTO में जमा करें।
    • दस्तावेजों की सूची नीचे दी गई है।
  5. शुल्क भुगतान:
    • री-रजिस्ट्रेशन और फिटनेस टेस्ट के लिए निर्धारित शुल्क का भुगतान करें। शुल्क वाहन के प्रकार (दोपहिया, चार-पहिया, वाणिज्यिक) के आधार पर भिन्न हो सकता है।
    • ऑनलाइन भुगतान के लिए UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग का उपयोग करें।
  6. नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट:
    • सफल जाँच और दस्तावेज सत्यापन के बाद, RTO द्वारा नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) जारी किया जाएगा।
    • यह RC आमतौर पर 5 साल के लिए वैध होगा, जिसके बाद फिर से री-रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।

आवश्यक दस्तावेज

री-रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखें:

  • वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
  • प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC)
  • वाहन का बीमा प्रमाणपत्र (थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य)
  • मालिक का आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र (बिजली बिल, राशन कार्ड, या किराया समझौता)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • फिटनेस टेस्ट प्रमाणपत्र
  • री-रजिस्ट्रेशन आवेदन फॉर्म (RTO से प्राप्त या ऑनलाइन डाउनलोड)

सुझाव: सभी दस्तावेजों की मूल और फोटोकॉपी साथ रखें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ और समयसीमा

निम्नलिखित तालिका में री-रजिस्ट्रेशन से संबंधित अनुमानित समयसीमा दी गई है:

विवरणसमयसीमा
री-रजिस्ट्रेशन की घोषणाफरवरी 2025
री-रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरूमार्च 2025 (संभावित)
री-रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथिदिसंबर 2025 (संभावित)
विशेष अभियान की शुरुआतमई 2025 से

नोट: सटीक तिथियों के लिए बिहार परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट transport.bihar.gov.in या प्रभात खबर की वेबसाइट पर जाँच करें।

नियम तोड़ने की सजा

प्रभात खबर की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, यदि कोई वाहन मालिक 15 साल से पुराने वाहन को बिना री-रजिस्ट्रेशन के चलाता है, तो निम्नलिखित कार्रवाई हो सकती है:

  • भारी जुर्माना: ₹5,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • वाहन जब्ती: बार-बार उल्लंघन करने पर वाहन को जब्त किया जा सकता है।
  • कानूनी कार्रवाई: परिवहन विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।

परिवहन सचिव ने सख्त निर्देश दिए हैं कि बिना थर्ड-पार्टी बीमा और री-रजिस्ट्रेशन के वाहन चलाना अवैध है।

विशेष अभियान

बिहार सरकार 15 साल से पुराने वाहनों की जाँच के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेगी, जिसकी सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। इस अभियान के तहत:

  • सड़कों पर CCTV और ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों की निगरानी की जाएगी।
  • प्रदूषण और फिटनेस टेस्ट के लिए विशेष कैंप लगाए जाएँगे।
  • पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित करने पर मालिकों को टैक्स में छूट दी जाएगी।

बिहार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती माँग

प्रभात खबर की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की माँग तेजी से बढ़ रही है। 2024 में 97,000 से अधिक EV बिके, और 2025 के पहले 18 दिनों में ही 8,377 इलेक्ट्रिक वाहन बिक चुके हैं। सरकार पुराने वाहनों को EV में बदलने या नए EV खरीदने के लिए प्रोत्साहन भी दे रही है, जो री-रजिस्ट्रेशन नीति का हिस्सा हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. बिहार में 15 साल पुराने वाहनों को चलाने के लिए क्या करना होगा?

वाहन का री-रजिस्ट्रेशन, प्रदूषण जाँच, और फिटनेस टेस्ट करवाना अनिवार्य है।

2. री-रजिस्ट्रेशन के लिए कहाँ आवेदन करें?

नजदीकी RTO या parivahan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करें।

3. बिना री-रजिस्ट्रेशन के वाहन चलाने की सजा क्या है?

₹5,000 से ₹10,000 का जुर्माना और वाहन जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।

4. क्या पुराने वाहनों को कबाड़ में देने पर छूट मिलेगी?

हाँ, कबाड़ घोषित करने पर टैक्स में छूट दी जाएगी।

5. री-रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि क्या है?

अनुमानित अंतिम तिथि दिसंबर 2025 है, लेकिन सटीक जानकारी के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट देखें।

निष्कर्ष

बिहार सरकार का 15 साल पुराने वाहनों के लिए री-रजिस्ट्रेशन का निर्णय वाहन मालिकों के लिए राहत और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक संतुलित कदम है। यह प्रक्रिया न केवल सड़कों को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद करेगी। वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर री-रजिस्ट्रेशन करवाएँ और सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।

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